इजरायल ने हाल ही में आतंकवादी गुट हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर को नष्ट करने के लिए लगातार हमले तेज कर दिए हैं। इजरायली सेना ने लेबनान के विभिन्न हिस्सों में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिससे इस आतंकवादी समूह की गतिविधियों को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस संघर्ष के चलते लेबनान के नागरिकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, और लाखों लोग सीरिया में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।
लेबनान से लोगों का पलायन:
लेबनान में जारी इस हिंसा के कारण लोग डर और आतंक के साये में जी रहे हैं। हाल के दिनों में, लाखों लोगों ने लेबनान से भागकर सीरिया में शरण ली है। सीरिया की सीमाओं पर हजारों की संख्या में शरणार्थियों का जमावड़ा देखा जा रहा है, जहां वे सुरक्षा की तलाश में पहुंचे हैं।
सीरिया में शरण:
सीरिया में शरण लेने वाले लोग अपने घरों से बेघर होकर सुरक्षा की उम्मीद में आ रहे हैं। कई शरणार्थियों ने बताया कि उनके लिए वापस लौटना बेहद मुश्किल है, क्योंकि उनकी जान को खतरा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
इजरायल के इस अभियान के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। कई देश इस संघर्ष की निंदा कर रहे हैं और इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा मान रहे हैं। वहीं, कुछ देशों ने इजरायल के कदमों को सुरक्षा के नजरिए से सही ठहराया है, जबकि हिजबुल्लाह की गतिविधियों को आतंकवाद के रूप में देखा है।
हिजबुल्लाह की प्रतिक्रिया:
हिजबुल्लाह ने इजरायल के हमलों का कड़ा विरोध किया है और कहा है कि वे इस संघर्ष का सामना करेंगे। संगठन ने अपने सदस्यों को इजरायली हमलों का जवाब देने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की संभावना है।