जन्मदिन विशेष: बिना चुनाव लड़े दो बार बने प्रधानमंत्री, सरल स्वभाव के लिए विरोधी भी कायल, यूं ही कोई ‘मनमोहन’ नहीं बन जाता

26 सितंबर 2024: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज जन्मदिन है। भारतीय राजनीति के सबसे शांत और सरल स्वभाव वाले नेताओं में शुमार मनमोहन सिंह न केवल अपनी विद्वता और आर्थिक नीतियों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उनके विनम्र और सौम्य व्यक्तित्व के लिए भी वे सराहे जाते हैं। बिना चुनाव लड़े दो बार देश के प्रधानमंत्री बनने का उनका सफर असाधारण है, और उनकी सरलता के चलते विरोधी भी उनकी प्रशंसा करने से नहीं चूकते। मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व ऐसा है कि वह भारतीय राजनीति में एक मिसाल के रूप में देखे जाते हैं।

बिना चुनाव लड़े दो बार बने प्रधानमंत्री

मनमोहन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में एक बार भी लोकसभा चुनाव नहीं जीता, इसके बावजूद वे दो बार देश के प्रधानमंत्री बने। 1991 में जब देश आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें देश का वित्त मंत्री नियुक्त किया। उनके द्वारा लागू की गई आर्थिक उदारीकरण की नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को नया जीवन दिया। उनकी इसी योग्यता के चलते 2004 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए चुना। इसके बाद उन्होंने 2009 में भी प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया।

आर्थिक सुधारों के जनक

1991 में भारत आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था, जब मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री देश की बागडोर संभाली। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाए। उन्होंने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में सुधार किए, और निजीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण फैसले लिए। उनके इन सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व मंच पर स्थापित किया, और आज भी उन्हें भारत में आर्थिक उदारीकरण का जनक माना जाता है।

विनम्रता और सरल स्वभाव के लिए मशहूर

मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी पहचान उनकी विनम्रता और सरल स्वभाव है। एक ऐसा राजनेता जो विवादों से दूर रहता है और अपने काम को पूरी ईमानदारी से करता है। उनकी विनम्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके विरोधी भी उनके स्वभाव की तारीफ करते नहीं थकते। भले ही उनकी नीतियों से सहमत या असहमत हों, लेकिन उनके सम्मान में कभी कमी नहीं आई। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार सार्वजनिक मंचों पर उनके धैर्य और शिष्टाचार की सराहना की है।

यूँ ही कोई ‘मनमोहन’ नहीं बन जाता

डॉ. मनमोहन सिंह की कहानी साधारण नहीं है। पंजाब के एक छोटे से गांव में जन्मे, वे अपनी मेहनत और लगन से ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक पहुंचे। एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने अपना करियर शुरू किया और धीरे-धीरे भारतीय राजनीति के शीर्ष तक पहुंचे। प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल भले ही चुनौतियों से भरा रहा हो, लेकिन उनके आर्थिक सुधार और विश्व स्तर पर भारत की साख बढ़ाने के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

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