जयशंकर की श्रीलंका यात्रा: चीन की बेचैनी बढ़ाने वाले मुद्दे और अनुरा दिसानायके के साथ वार्ता

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया श्रीलंका यात्रा ने क्षेत्रीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं। नई सरकार के साथ वार्ता में भारत और श्रीलंका के बीच सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई, जो चीन की बढ़ती उपस्थिति के बीच महत्वपूर्ण है।

मुख्य बातें:

  1. श्रीलंका का राजनीतिक संदर्भ:
    • श्रीलंका में हाल ही में अनुरा दिसानायके के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ है। इस सरकार का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
    • जयशंकर की यात्रा का मुख्य उद्देश्य श्रीलंका के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करना है, खासकर ऐसे समय में जब चीन ने श्रीलंका में अपनी आर्थिक और राजनीतिक पकड़ मजबूत की है।
  2. भारत-श्रीलंका संबंध:
    • दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने, व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और विकास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है।
    • जयशंकर ने अनुरा दिसानायके के साथ बुनियादी ढांचे के विकास, ऊर्जा सुरक्षा, और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
  3. चीन की बढ़ती उपस्थिति:
    • श्रीलंका की भौगोलिक स्थिति और उसके समुद्री मार्गों की रणनीतिक महत्वपूर्णता को देखते हुए चीन ने यहां निवेश बढ़ाया है। यह भारत के लिए चिंता का विषय है।
    • जयशंकर की यात्रा से यह संदेश जाता है कि भारत श्रीलंका में अपनी प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए गंभीर है।
  4. सुरक्षा मुद्दे:
    • सुरक्षा सहयोग पर भी जोर दिया गया, जिसमें आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर एक साथ काम करने की आवश्यकता पर चर्चा हुई।
  5. संभावित परिणाम:
    • यदि भारत और श्रीलंका के बीच सहयोग बढ़ता है, तो यह चीन के लिए चुनौती बन सकता है, क्योंकि वह श्रीलंका में अपनी स्थिति को लेकर चिंतित है।
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