जेपी नड्डा का खरगे को खुला पत्र: ‘सोनिया ने कहा मौत का सौदागर, राहुल ने PM को डंडे से पीटने की बात की’

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक खुला पत्र लिखते हुए कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है। नड्डा ने पत्र में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयानों का उल्लेख करते हुए कांग्रेस के नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

सोनिया गांधी पर आरोप

जेपी नड्डा ने अपने पत्र में कहा कि 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “मौत का सौदागर” कहकर संबोधित किया था। नड्डा ने लिखा कि यह बयान न केवल अस्वीकार्य था, बल्कि कांग्रेस पार्टी की उस मानसिकता को भी दर्शाता है, जिसमें वह लगातार प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करती रही है।

राहुल गांधी की टिप्पणी

नड्डा ने आगे कहा कि 2020 में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक आक्रामक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि “प्रधानमंत्री को डंडे से पीटा जाएगा”। नड्डा ने इस बयान को प्रधानमंत्री पद की गरिमा के खिलाफ बताते हुए इसकी निंदा की और कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वह इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर देश के सर्वोच्च पद का अपमान कर रही है।

खरगे के बयान पर प्रतिक्रिया

नड्डा का यह पत्र तब आया है, जब हाल ही में मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा था कि “वह किंग की तरह चलते हैं।” नड्डा ने अपने पत्र में इस बयान को भी गैर-लोकतांत्रिक और अभद्र बताया और कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है।

कांग्रेस पर हमला

जेपी नड्डा ने अपने पत्र में लिखा, “कांग्रेस लगातार अपने नेताओं के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करती रही है। यह सिर्फ प्रधानमंत्री का अपमान नहीं है, बल्कि देश की जनता का भी अपमान है, जिन्होंने उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से चुना है।”

राजनीति में शिष्टाचार की अपील

पत्र के अंत में नड्डा ने कांग्रेस पार्टी से अपील की कि वह राजनीतिक शिष्टाचार का पालन करे और प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ इस प्रकार की भाषा का प्रयोग न करे। उन्होंने कहा, “राजनीतिक असहमति हो सकती है, लेकिन शिष्टाचार और गरिमा का पालन करना जरूरी है।”

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