जिरोधा के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने हाल ही में कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा की। पिछले एक साल में जिरोधा ने 4700 करोड़ रुपये की आय हासिल की, जो कि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
मुख्य बिंदु:
- आर्थिक सफलता: नितिन कामथ ने बताया कि जिरोधा की आय पिछले वर्ष में 4700 करोड़ रुपये रही, जो कि कंपनी की बढ़ती लोकप्रियता और व्यापार में विस्तार को दर्शाता है।
- भविष्य की चुनौतियाँ: हालांकि, कामथ ने यह भी कहा कि आने वाले समय में कुछ बदलावों के कारण कंपनी की आय में कमी आ सकती है। उनका मानना है कि ये बदलाव उनके व्यापार मॉडल पर असर डाल सकते हैं।
- आय में संभावित कमी: नितिन कामथ ने कहा कि यदि नए नियम और विनियम लागू होते हैं, तो इससे उनकी आय आधी हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये बदलाव ग्राहकों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन कंपनी की आय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
- उपभोक्ता केंद्रित बदलाव: कामथ ने यह भी बताया कि कंपनी ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा और लाभ प्रदान करना कंपनी का मुख्य लक्ष्य है।
- प्रतिस्पर्धा: नितिन कामथ ने यह भी उल्लेख किया कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण सभी ब्रोकरेज फर्मों को अपने मॉडल में बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा कि उद्योग में निरंतर विकास के लिए नवाचार की आवश्यकता है।
- जिरोधा की योजना: कंपनी की योजना अपने उत्पादों और सेवाओं का विस्तार करना है, ताकि अधिक ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।
- सामाजिक जिम्मेदारी: कामथ ने यह भी कहा कि जिरोधा सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता देती है, और उनका लक्ष्य वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देना है।
- आर्थिक स्थिरता: कामथ का मानना है कि इन बदलावों के बावजूद जिरोधा अपनी आर्थिक स्थिरता को बनाए रख सकेगी।
- ग्राहकों के साथ संवाद: उन्होंने बताया कि कंपनी ग्राहकों की आवश्यकताओं और चिंताओं को समझने के लिए लगातार संवाद कर रही है।
- नवाचार का महत्व: अंत में, कामथ ने नवाचार और तकनीकी विकास को कंपनी की सफलता का मुख्य कारण बताया।