लेबनान में हाल के दिनों में बढ़ते संघर्षों और हमलों के बाद, कई प्रमुख शहरों में जीवन पूरी तरह से थम गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा स्थिति की गंभीरता ने नागरिकों में डर और अनिश्चितता की भावना पैदा कर दी है। यह ग्राउंड रिपोर्ट उन शहरों की स्थिति पर एक नज़र डालती है, जहाँ तबाही के निशान स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
तबाही का असर
लेबनान के शहर, जैसे बेरूत और त्रिपोली, में कई इलाकों में रुकावट और सन्नाटा छाया हुआ है। बाजारों में वीरानी और दुकानों के बंद रहने से व्यवसायों को भारी नुकसान हुआ है। यहां तक कि कई स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है, जिससे नागरिकों में भय का माहौल बना हुआ है।
नागरिकों की स्थिति
स्थानीय नागरिकों का जीवन कठिन हो गया है। कई लोग अपने परिवारों के साथ सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं, जबकि अन्य अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं। महिलाओं और बच्चों की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि वे हिंसा के बीच खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
तबाही के निशान
हर जगह दीवारों पर गोलियों के निशान, जले हुए वाहन, और ध्वस्त इमारतें देखने को मिलती हैं। शहर के कुछ हिस्सों में बचाव और पुनर्वास कार्य चल रहे हैं, लेकिन इसकी गति धीमी है। लोग अपने प्रियजनों के खोने के दुख में हैं और उन यादों को संजोए हुए हैं जो अब कभी वापस नहीं आएंगी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने लेबनान की स्थिति पर चिंता जताई है और वहां मानवीय सहायता भेजने की बात की है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।