भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की कार्यप्रणाली पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि UN सिर्फ अपनी जगह घेरने में लगा हुआ है और वास्तविक समस्याओं का समाधान करने में विफल हो रहा है। उनके इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है और यह UN की दक्षता पर सवाल उठाता है।
जयशंकर का नजरिया
जयशंकर ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि UN की भूमिका और प्रभाव को अब एक नई दृष्टि से देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र को केवल स्थान घेरने की भूमिका निभाने के बजाय, वास्तव में वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है।” उनका यह बयान उन बढ़ते मुद्दों के संदर्भ में आया है, जिनमें वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा चिंताएं शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र की स्थिति पर सवाल
जयशंकर के बयान ने UN की विश्वसनीयता और इसकी भूमिका पर नए सिरे से चर्चा शुरू की है। कई विश्लेषकों का मानना है कि UN को अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है ताकि वह वैश्विक संकटों का सामना कर सके। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि UN को अपने कामकाज में सुधार करना होगा ताकि यह वैश्विक समुदाय के लिए उपयोगी बन सके।
भारत की भूमिका
भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्यता की मांग की है। जयशंकर का यह बयान उस संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत को एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में देखा जा रहा है, जो वैश्विक मामलों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।