टीपू सुल्तान का आकलन: नायक या खलनायक, इतिहासकारों की विवेचना

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6-7 दिसंबर, 1782 की रात को मैसूर के सुल्तान हैदर अली का निधन हो गया। बताया जाता है कि उनकी पीठ पर एक बड़ा घाव या फोड़ा विकसित हो गया था, जिसे किसी भी हकीम द्वारा ठीक नहीं किया जा सका।

उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे टीपू सुल्तान को तुरंत मैसूर का सुल्तान घोषित किया गया।

ऐतिहासिक विवरणों के अनुसार, उस समय टीपू सुल्तान की उम्र 33 वर्ष थी। उनका कद लगभग 5 फुट 7 इंच बताया गया है। उनका शरीर स्वस्थ और बलशाली था। उनकी बाहें मांसल और मजबूत थीं, लेकिन उनके हाथ बेहद कोमल और नाजुक बताए जाते हैं। उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता उनकी काली और अभिव्यंजक आँखें थीं, जो उनकी उपस्थिति में विशेष आकर्षण पैदा करती थीं।

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