“पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं में 2382 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता“
जल शक्ति मंत्रालय की केंद्र प्रायोजित योजना “बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी)” के तहत, दसवीं पंचवर्षीय योजना से लेकर अब तक पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं के लिए 2382 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई है। यह जानकारी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
बाढ़ प्रबंधन और कटाव निरोधक योजनाएं संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उनकी प्राथमिकता के आधार पर बनाई और कार्यान्वित की जाती हैं। इस योजना के तहत, बाढ़ के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रभावी प्रबंधन के लिए तकनीकी मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में एफएमबीएपी योजना के तहत पूरे देश के लिए 400 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन रखा गया है, जिसमें से पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं के लिए 121.50 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई है।
अब तक पूर्वोत्तर राज्यों में कुल 208 बाढ़ प्रबंधन परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। पिछले 7 वर्षों (वित्त वर्ष 2017-18 से 2023-24) में, 62.85 करोड़ रुपये की लागत वाली 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनका उद्देश्य कटाव को रोकना और बाढ़ नियंत्रण में योगदान देना था।
इसके अतिरिक्त, 2017 में नॉन लैप्सेबल सेंट्रल पूल ऑफ रिसोर्सेज- सेंट्रल के तहत 207 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत के साथ “ब्रह्मपुत्र नदी की बाढ़ और कटाव से माजुली द्वीप की सुरक्षा” परियोजना को भी मंजूरी दी गई थी।
यह पहल पूर्वोत्तर क्षेत्र में बाढ़ प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जो बाढ़ के प्रभाव को कम करने और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार है।