“राजभवन में मनाया गया अरुणाचल, ओडिशा और राजस्थान का स्थापना दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां“
राजधानी रायपुर स्थित राजभवन में शनिवार को अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान राज्यों का स्थापना दिवस उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन केंद्र सरकार की “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” पहल के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ में रहने वाले इन तीनों राज्यों के नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी की।
इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “जब हम एक-दूसरे की संस्कृति को समझते, स्वीकारते और उसका सम्मान करते हैं, तभी सशक्त भारत की नींव मजबूत होती है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किए गए इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समरसता को नई दिशा देती है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में खान-पान, पहनावे, भाषाओं और त्योहारों के माध्यम से झलकती है। उन्होंने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक संबंधों को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ में लगभग 35 लाख ओड़िया भाई-बहन रहते हैं, जिन्होंने कृषि, खनन और शिल्पकला के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है।”
राज्यपाल ने अरुणाचल प्रदेश की विविध जनजातीय संस्कृति की भी सराहना की और कहा कि यहां 26 जनजातियों के साथ 100 से अधिक उपजातियों की अनूठी सांस्कृतिक परंपराएं हैं, जो इसे एक समृद्ध सांस्कृतिक प्रदेश बनाती हैं।
कार्यक्रम के दौरान ओडिशा के पारंपरिक नृत्य, राजस्थान का घूमर और अरुणाचल प्रदेश के जनजातीय नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों और युवाओं ने अपने-अपने राज्यों की लोक कलाओं और रीति-रिवाजों को मंच पर जीवंत किया।
इस अवसर पर ओडिशा के विधायक पुरंदर मिश्रा, राजस्थान के प्रतिनिधि महेंद्र धाड़ीवाल और अरुणाचल प्रदेश के सांस्कृतिक प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। सभी ने अपने विचार साझा किए और राज्यों की विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिनिधियों और कलाकारों के सामूहिक अभिनंदन के साथ हुआ।