“न्यायमूर्ति बी.आर. गवई बन सकते हैं भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश, सीजेआई संजीव खन्ना ने किया नाम प्रस्तावित“
भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई के नाम की सिफारिश की है। सीजेआई खन्ना 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उसके बाद न्यायमूर्ति गवई भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। यदि उनकी नियुक्ति होती है, तो वे इस पद पर 23 नवंबर, 2025 तक, यानी लगभग छह महीने से अधिक समय तक कार्य करेंगे।
सीनियरिटी के आधार पर किया गया चयन
न्यायपालिका की परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित किया जाता है। इसी परंपरा का पालन करते हुए सीजेआई खन्ना ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति गवई के नाम की सिफारिश की है। यह प्रक्रिया मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के तहत होती है, जिसके अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले सीजेआई से एक महीने पहले उत्तराधिकारी का नाम पूछा जाता है।
न्यायिक सेवा में लंबा अनुभव
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई को 29 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उन्हें नवंबर 2003 में अतिरिक्त न्यायाधीश और नवंबर 2005 में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। अपने करियर के शुरुआती वर्षों में उन्होंने संवैधानिक और प्रशासनिक कानून में विशेषज्ञता हासिल की और कई नगर निगमों और विश्वविद्यालयों के लिए स्थायी वकील के रूप में सेवाएं दीं।
मूल रूप से नागपुर से हैं न्यायमूर्ति गवई
न्यायमूर्ति गवई का न्यायिक करियर नागपुर से शुरू हुआ, जहां वे 1992 में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त हुए। बाद में वे 2000 में सरकारी वकील और लोक अभियोजक भी बने। उनकी नियुक्तियों और कार्यों ने उन्हें न्यायिक क्षेत्र में मजबूत पहचान दिलाई।