हिज़बुल्लाह के ये 5 खतरनाक हथियार इज़राइल के लिए बन सकते हैं काल, लेबनान में घुसना इज़रायली सेना को पड़ सकता है महंगा

26 सितंबर 2024: इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने मिडिल ईस्ट में एक बड़े संघर्ष का खतरा पैदा कर दिया है। लेबनान स्थित हिज़बुल्लाह, जो एक प्रभावशाली और सशस्त्र शिया मिलिशिया है, ने इज़राइल के खिलाफ कई बार हिंसक हमले किए हैं। अगर इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की, तो यह उसके लिए महंगा साबित हो सकता है। हिज़बुल्लाह के पास कुछ ऐसे खतरनाक हथियार हैं जो इज़राइली सेना के लिए गंभीर चुनौती पेश कर सकते हैं। आइए जानते हैं, हिज़बुल्लाह के वो 5 प्रमुख हथियार, जो इज़राइल के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।

1. रॉकेट और मिसाइल सिस्टम

हिज़बुल्लाह के पास लगभग 1,50,000 रॉकेट्स और मिसाइलें होने की खबरें हैं, जिनमें से कुछ अत्यधिक दूर तक मार करने वाली और सटीक हथियार माने जाते हैं। इन मिसाइलों की रेंज 100 से 300 किलोमीटर तक हो सकती है, जो इज़राइल के कई बड़े शहरों तक पहुंच सकती हैं। इनमें कुछ हाई-प्रिसीजन गाइडेड मिसाइलें भी शामिल हैं, जो इज़राइली सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।

2. एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM)

हिज़बुल्लाह के पास रूसी और ईरानी मूल की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं, जो इज़राइली टैंकों और बख्तरबंद वाहनों के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। हिज़बुल्लाह ने 2006 के युद्ध में इज़राइल के ‘मर्कवा’ टैंकों को भारी नुकसान पहुंचाया था, और अब उसके पास और भी एडवांस्ड ATGM सिस्टम हैं। इनमें ‘कोर्नेट’ मिसाइल शामिल है, जो लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है और इज़राइली टैंकों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

3. ड्रोन हमले

हिज़बुल्लाह के पास आधुनिक ड्रोन भी हैं, जिनका इस्तेमाल वो इज़राइली ठिकानों पर हवाई हमले के लिए कर सकता है। ये ड्रोन न केवल टोही मिशनों के लिए उपयोग किए जा सकते हैं, बल्कि इनसे आत्मघाती हमले भी किए जा सकते हैं। ईरान के समर्थन से हिज़बुल्लाह के ड्रोन सिस्टम इज़राइल की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं, खासकर अगर ये रडार की नजरों से बचकर हमले करने में सफल होते हैं।

4. समुद्री हमले की क्षमता

हिज़बुल्लाह के पास समुद्री हमले की भी क्षमता है। उसके पास ऐसे एंटी-शिप मिसाइलें हैं जो इज़राइल की नौसेना के जहाजों और तेल रिफाइनरी जैसे अहम ठिकानों को निशाना बना सकती हैं। 2006 के युद्ध में हिज़बुल्लाह ने इज़राइली युद्धपोत को निशाना बनाकर अपनी समुद्री हमले की क्षमता का प्रदर्शन किया था। इस बार और अधिक एडवांस्ड हथियारों के साथ, वह समुद्री क्षेत्र में इज़राइल को गंभीर चुनौती दे सकता है।

5. गुरिल्ला युद्ध और सुरंग नेटवर्क

हिज़बुल्लाह का गुरिल्ला युद्ध कौशल और सुरंगों का व्यापक नेटवर्क इज़राइली सेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। लेबनान के पहाड़ी इलाकों में हिज़बुल्लाह के लड़ाके बेहद प्रशिक्षित और रणनीतिक रूप से दक्ष हैं। सुरंगों का यह जाल न केवल हथियारों और लड़ाकों को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने में मदद करता है, बल्कि यह इज़राइली हमलों से बचने के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह भी प्रदान करता है।

इज़राइल के लिए महंगा साबित हो सकता है लेबनान में प्रवेश

अगर इज़राइल हिज़बुल्लाह के खिलाफ सीधे सैन्य कार्रवाई करता है और लेबनान में घुसता है, तो उसे भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। हिज़बुल्लाह के पास मजबूत गुरिल्ला रणनीति और हथियारों की भरपूर आपूर्ति है, जो इज़राइल की सेना के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। 2006 में हुए इज़राइल-हिज़बुल्लाह युद्ध से इज़राइल ने यह सीखा कि लेबनान के जटिल भौगोलिक और सामरिक हालात में युद्ध करना कितना कठिन है।

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